शासकीय विद्यालयों में ट्यूबलाईट / एल.ई.डी. की व्यवस्था के निर्देश
शासकीय विद्यालयों में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था (रोशनी) हेतु आवश्यक निर्देश, लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश का आदेश
1. प्रत्येक कक्षा में चार एल.ई.डी. या ट्यूबलाईट लगाएं
- o सभी कक्षाओं में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। इससे विद्यार्थियों के पढ़ने-लिखने की दक्षता में सुधार होगा।
2. आवश्यक राशि की व्यवस्था
- o यदि विद्यालय में राशि की कमी हो, तो संबंधित विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी से संपर्क करें।
- o योजना 9545 के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय को 20,000/- रुपये की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।
3. राशि का उपयुक्त उपयोग
- o उपलब्ध धनराशि का उपयोग केवल आवश्यक कक्षा में ट्यूबलाईट/एल.ई.डी. लगाने में करें।
- o आवश्यकता अनुसार स्विच बोर्ड, तार, और अन्य आंतरिक बिजली व्यवस्था में भी यह राशि खर्च करें।
लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश का आदेश क्रमांक / बजट (बी)/ विधुत/2024-25/857, भोपाल, दिनांक 20/12/2024 इस प्रकार है -
प्रायः यह देखने में आया है कि राज्य के शासकीय विद्यालयों की कक्षाओं में पर्याप्त विद्युत रोशनी (ट्यूबलाईट/एल.ई.डी.) की व्यवस्था नहीं होती। विशेषकर सर्दियों के दिनों में ठंडी हवाओं के बचाव के लिए खिड़कियों, दरवाजों को बंद करने पर कक्षाओं में पर्याप्त प्रकाश की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है, क्योंकि वांछित प्रकाश के अभाव में विद्यार्थियों के पठन-पाठन एवं सीखने का कौशल एवं क्षमता (Learning Skill & Capacity) पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
उपरोक्त परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए शासकीय विद्यालयों के कक्षाओं में पर्याप्त प्रकाश/रोशनी (ट्यूबलाईट/एल.ई.डी.) की व्यवस्था हेतु निम्नानुसार निर्देश दिए जाते है :-
1. कक्षा में पर्याप्त रोशनी हेतु कम से कम चार एल.ई.डी., ट्यूबलाईट की व्यवस्था रखें।
2. यदि इस मद में पर्याप्त राशि उपलब्ध न हो तो अपने विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी / विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक से संबंधित S.M.C./S.M.D.C. को मरम्मत मद में योजना 9545 "विभागीय परिसंपत्तियों का संधारण से 7125 विद्यालयों (हाईस्कूल / हायर सेकेण्डरी स्कूल) को प्रति विद्यालय को राशि रु 20,000/- (बीस हजार केवल) के मान से सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों को राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
3. उक्त राशि का उपयोग जिस कक्षा में वांछित प्रकाश हेतु ट्यूबलाईट/एल.ई.डी. की आवश्यकता हो, वही किया जाये।
4. इस मद में उपलब्ध राशि का उपयोग ट्यूबलाईट/एल.ई.डी. की व्यवस्था के साथ-साथ यथा-आवश्यकतानुसार बिजली के स्विज बोर्ड तथा आंतरिक विधुतीकरण, तार आदि में भी किया जावे।
5. एस.एम.सी./एस.एम.डी.सी. से कार्य समय-सीमा में पूर्ण कराया जाये।
6. कृत कार्य में गुणवत्ता एवं समय-सीमा का ध्यान रखा जावे।
7. यदि किसी समय विद्यालय में पूर्व से उपरोक्त वर्णित संपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है, तो उन्हें पृथक से यह कार्य कराने की आवश्यकता नहीं है।
8. उक्त कार्य का गहनता पूर्वक अनुवीक्षण विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा किया जावेगा।
9. जिन विद्यालयों में विधुतीकरण नहीं है, प्राथमिकता के आधार पर वहीं MPEB से प्राक्कलन प्राप्त कर स्वीकृति हेतु प्रस्ताव भेजें।
10. विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारियों का यह दायित्य है कि उपरोक्तानुसार व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं उनके द्वारा प्रभावी नियंत्रण एवं समय-समय पर इसकी विस्तृत मॉनिटरिंग की जावे।
MP Education Gyan Deep की अपडेट जानकारी Whatsapp पर पाने के लिए हमारा ग्रुप "Gyan Deep Info" यहाँ से Join कीजिए।
0 Comments