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MP Board Two Exam System - अब फेल होने पर भी मिलेगा दूसरा मौका – जानिए नए नियम और फायदे

MPBSE ने दी द्वितीय परीक्षा की सुविधा: अब फेल होने पर भी मिलेगा दूसरा मौका, जानिए कैसे!

MP Board 2025: अब फेल होने पर भी मिलेगा दूसरा मौका – जानिए नए नियम और फायदे! अब नहीं होगा टेंशन! MPBSE ने लाई द्वितीय परीक्षा प्रणाली, मिलेगा अंक सुधार का मौका मध्यप्रदेश का बड़ा बदलाव: अस्थायी प्रवेश से लें फायदा, द्वितीय परीक्षा में करें अंक सुधार

MP Board Two Exam System 2025: अब छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका – जानें नए नियम और फायदे!

  • MP Board 2025: अब फेल होने पर भी मिलेगा दूसरा मौका – जानिए नए नियम और फायदे!
  • अब नहीं होगा टेंशन! MPBSE ने लाई द्वितीय परीक्षा प्रणाली, मिलेगा अंक सुधार का मौका
  • मध्यप्रदेश का बड़ा बदलाव: अस्थायी प्रवेश से लें फायदा, द्वितीय परीक्षा में करें अंक सुधार

MPBSE 2025 का तोहफा: दो परीक्षाओं में अब बनेगा भविष्य, जानिए नियम

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मध्यप्रदेश में शिक्षा प्रणाली को नई दिशा: द्वितीय परीक्षा प्रणाली का प्रस्ताव

शिक्षा के क्षेत्र में नवीन पहल (New Initiatives) और सुधार हमेशा से छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने अब एक ऐसा सुधार प्रस्तावित किया है, जो छात्रों के लिए अधिक लचीलापन (Flexibility) और अवसर प्रदान करेगा। 21 मार्च 2025 को राजपत्र में प्रकाशित एक अधिसूचना के तहत, माध्यमिक शिक्षा मण्डल (MPBSE - Madhya Pradesh Board of Secondary Education) ने "द्वितीय परीक्षा" प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है। इस पोस्ट में, हम इस प्रस्तावित सुधार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और यह जानेंगे कि यह छात्रों और शिक्षा प्रणाली को कैसे लाभान्वित (Benefit) करेगा।

द्वितीय परीक्षा प्रणाली क्या है?

द्वितीय परीक्षा प्रणाली के तहत, MPBSE हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षाओं (Annual Exams ) के अलावा एक अतिरिक्त परीक्षा का आयोजन करेगा। यह परीक्षा जुलाई-अगस्त में आयोजित की जाएगी, जबकि मुख्य परीक्षा (Main Exam) फरवरी-मार्च में होगी।

इस प्रणाली के प्रमुख बिंदु हैं:

1. दो परीक्षाएं:

• प्रथम परीक्षा: फरवरी-मार्च में।

• द्वितीय परीक्षा: जुलाई-अगस्त में।

2. अनुपस्थित/अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए दूसरा मौका (Second Chance for Absent/Fail Students):

जो छात्र प्रथम परीक्षा में अनुपस्थित रहे हों या किसी विषय में अनुत्तीर्ण रहे हों, वे द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे।

3. अंक सुधार का अवसर (Marks Improvement Opportunity):

जो छात्र प्रथम परीक्षा में उत्तीर्ण हो चुके हैं, वे भी द्वितीय परीक्षा में अंक सुधार (Marks Improvement) के लिए सम्मिलित हो सकेंगे।

4. अस्थायी प्रवेश (Provisional Admission):

द्वितीय परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश (Provisional Admission) की अनुमति दी जा सकेगी। यदि वे द्वितीय परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाते हैं, तो उनकी उपस्थिति की गणना की जाएगी।

5. प्रायोगिक विषयों के लिए विशेष प्रावधान (Special Provision for Practical Subjects):

छात्र प्रथम परीक्षा की प्रायोगिक/आंतरिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण भाग के लिए द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे।

6. परीक्षा आवेदन-पत्र भरना अनिवार्य (Mandatory Exam Application):

द्वितीय परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्रों को निर्धारित शुल्क (Exam Fee ) के साथ आवेदन-पत्र भरना अनिवार्य होगा।

7. परीक्षा परिणाम की घोषणा (Result Declaration):

द्वितीय परीक्षा के परिणाम को समिति की बैठक के बिना सीधे घोषित किया जाएगा।

8. पुनः गणना की व्यवस्था (Re-Totaling Facility):

छात्र द्वितीय परीक्षा के अंकों की पुनः गणना (Re-Totaling) के लिए आवेदन कर सकेंगे।

इस सुधार का महत्व

1. छात्रों के लिए अधिक अवसर (More Opportunities for Students)

द्वितीय परीक्षा प्रणाली के तहत, छात्रों को अपनी त्रुटियों को सुधारने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने का एक अतिरिक्त मौका मिलेगा। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और उनके भविष्य के लिए अधिक अवसर (Opportunities) खुलेंगे।

2. शिक्षा प्रणाली में लचीलापन (Flexibility in Education System)

इस प्रणाली से छात्रों को अपनी पढ़ाई को पूरा करने के लिए अधिक लचीलापन मिलेगा। अस्थायी प्रवेश की व्यवस्था से उन्हें अगली कक्षा में जाने का अवसर मिलेगा, जो उनकी शैक्षणिक यात्रा (Academic Journey) में रुकावट को कम करेगा।

3. छात्रों के मनोबल को प्रोत्साहन (Boosting Student Morale)

ऐसे छात्र जो पहली परीक्षा में असफल रहते हैं, उन्हें अक्सर निराशा (Disappointment) होती है। द्वितीय परीक्षा का प्रावधान उन्हें प्रेरित करेगा कि वे अपने प्रयासों को जारी रखें और बेहतर परिणाम प्राप्त करें।

4. शिक्षा प्रणाली को अधिक समावेशी बनाना (Making Education More Inclusive):

इस प्रणाली से छात्रों को अपनी त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा, जिससे शिक्षा प्रणाली अधिक समावेशी (Inclusive) बनेगी।

आपत्तियां और सुझाव पर विचार (Feedback and Suggestions)

मध्यप्रदेश सरकार ने इस प्रस्तावित सुधार पर जनता की राय लेने के लिए 15 दिन की अवधि निर्धारित की है। यदि आपके पास इस सुधार से संबंधित कोई आपत्ति (Objection) या सुझाव (Suggestions) है, तो आप इसे निर्धारित अवधि के अंदर सरकार को प्रस्तुत कर सकते हैं।

द्वितीय परीक्षा प्रणाली का प्रस्ताव मध्यप्रदेश के छात्रों के लिए एक बड़ा कदम है। यह उन्हें अपनी त्रुटियों को सुधारने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। इससे शिक्षा प्रणाली में लचीलापन बढ़ेगा और छात्रों के मनोबल को प्रोत्साहन मिलेगा।

यदि आप इस प्रस्तावित सुधार के बारे में कोई सुझाव या आपत्ति रखते हैं, तो इसे जरूर व्यक्त करें। आखिरकार, यह सुधार छात्रों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी गजट 

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