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MP Civil Service Leave Rules 2025 - मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 : मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए नई सौगात, अवकाश नियमों में बदलाव की पूरी जानकारी यहाँ देखें

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 : कर्मचारियों के लिए नई सौगात

MP Civil Service Leave Rules 2025 - मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 : कर्मचारियों के लिए नई सौगात

MP Civil Service Leave Rules 2025

मध्यप्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 में शासकीय कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 को मंत्रि-परिषद से मंजूरी मिल गई है, जिसके तहत पुराने 1977 अवकाश नियमों में व्यावहारिक बदलाव किए गए हैं। 

इस नये नियम का उद्देश्य कर्मचारियों को बेहतर कार्य-जीवन संतुलन, पारिवारिक सहयोग और व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराना है। नए प्रावधानों में महिला कर्मचारियों के लिए सेरोगेट/कमीशनिंग मातृत्व अवकाश, पुरुष कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश, संतान पालन अवकाश की विस्तारित पात्रता, और अर्जित अवकाश अवधि में वृद्धि जैसे बदलाव शामिल हैं। 

महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सुधारों से राज्य के कोष पर कोई बड़ा वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, लेकिन कर्मचारियों को कार्य के साथ-साथ परिवार और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने की सुविधा मिलेगी।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 | नए अवकाश प्रावधान

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नए अवकाश नियमों की मुख्य विशेषताएँ

महिला कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान

  • अब से सेरोगेट / कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी, ताकि महिला कर्मचारियों को मातृत्व से जुड़ी जिम्मेदारियों में सहयोग मिल सके।

शैक्षणिक संवर्ग के लिए अर्जित अवकाश

  • शैक्षणिक विभागों के कर्मचारियों को एक वर्ष में 10 दिन अर्जित अवकाश (EL) का लाभ मिलेगा।

पितृत्व अवकाश

दत्तक संतान ग्रहण करने पर पुरुष शासकीय सेवकों को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलेगा।

संतान पालन अवकाश

यह सुविधा अब केवल महिला कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि एकल पुरुष शासकीय सेवकों को भी यह अवकाश दिया जाएगा।

अर्धवेतन अवकाश का सरलीकरण

  • अर्धवेतन अवकाश अग्रिम रूप से खाते में जोड़ा जाएगा।
  • प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को 10 दिन तथा 1 जुलाई को 10 दिन का अवकाश अंकित किया जाएगा।

अर्जित अवकाश की अवधि में वृद्धि

  • पूर्व में अर्जित अवकाश अधिकतम 120 दिन तक एकमुश्त लिया जा सकता था। अब इसे बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया है।

दिव्यांग और गंभीर रूप से बीमार कर्मचारियों के लिए सुविधा

  • अब इनके अवकाश आवेदन परिवार के सदस्य भी प्रस्तुत कर सकेंगे, जिससे गंभीर परिस्थितियों में प्रक्रिया सहज होगी।

अवकाश स्वीकृति अधिकारों का प्रत्यायोजन

  • नियमों में यह भी प्रावधान किया गया है कि अवकाश स्वीकृति अधिकारों को उचित स्तर पर प्रत्यायोजित किया जा सके।

राज्य कोष पर न्यूनतम भार

  • नए नियम लागू होने से राज्य के खजाने पर कोई बड़ा व्यय भार नहीं पड़ेगा।

नया नियम क्यों है महत्वपूर्ण?

मध्यप्रदेश सरकार का उद्देश्य कर्मचारियों को आधुनिक कार्य-जीवन संतुलन की सुविधा देना है। मातृत्व और पितृत्व अवकाश के नए प्रावधान, दिव्यांग कर्मचारियों के लिए सरलता, और अर्जित अवकाश की अवधि में वृद्धि, सभी से सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।

📝 People Also Ask

1. मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 क्यों लाया गया?

1977 के पुराने अवकाश नियमों को वर्तमान परिस्थितियों और कर्मचारियों की जरूरतों के अनुसार अपडेट करने के लिए।

2. क्या पुरुष कर्मचारियों को भी मातृत्व जैसी सुविधा मिलेगी?

हाँ, दत्तक संतान ग्रहण पर पितृत्व अवकाश और एकल पुरुष होने पर संतान पालन अवकाश मिलेगा।

3. शैक्षणिक संवर्ग को क्या नया अवकाश लाभ मिलेगा?

शैक्षणिक विभागीय कर्मचारियों को हर साल 10 दिन अर्जित अवकाश मिलेगा।

4. अर्जित अवकाश (Earned Leave) की अवधि कितनी हो गई?

120 दिन से बढ़ाकर अब 180 दिन कर दी गई है।

5. अर्धवेतन अवकाश कब-कब मिलेगा?

हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को 10-10 दिन अवकाश खाते में जुड़ेंगे।

6. दिव्यांग कर्मचारियों को क्या सुविधा दी गई?

अब उनके अवकाश आवेदन परिवार का सदस्य भी जमा कर सकेगा।

मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल कार्यस्थल पर सहयोग और संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा, बल्कि कर्मचारियों में कार्य संतोष और उत्पादकता भी बढ़ाएगा।

❓ FAQ – मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025

1. मध्यप्रदेश सिविल सेवा (अवकाश) नियम 2025 कब लागू हुआ?

👉 इसे मंत्रि-परिषद द्वारा 2025 में अनुमोदन दिया गया है। यह नियम पुराने 1977 के अवकाश नियमों की जगह लागू होंगे।

2. नए अवकाश नियम 2025 में महिला कर्मचारियों के लिए क्या प्रावधान है?

👉 अब महिला कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि सेरोगेट / कमीशनिंग मां को भी प्रसूति अवकाश (Maternity Leave) की पात्रता दी गई है।

3. क्या पुरुष कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश मिलेगा?

👉 हाँ, शासकीय सेवकों को दत्तक संतान ग्रहण करने पर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश मिलेगा।

4. संतान पालन अवकाश किन्हें मिलेगा?

👉 यह सुविधा अब केवल महिला कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगी। एकल पुरुष शासकीय सेवक भी संतान पालन अवकाश ले सकेंगे।

5. अर्जित अवकाश (Earned Leave) में क्या बदलाव किया गया है?

👉 अर्जित अवकाश की अधिकतम अवधि 120 दिनों से बढ़ाकर अब 180 दिन कर दी गई है।

6. अर्धवेतन अवकाश (Half Pay Leave) का नया प्रावधान क्या है?

👉 अब अर्धवेतन अवकाश अग्रिम रूप से निर्धारित रहेगा। हर वर्ष 1 जनवरी को 10 दिन और 1 जुलाई को 10 दिन स्वतः अवकाश खाते में जुड़ेंगे।

7. दिव्यांग या गंभीर रूप से अस्वस्थ कर्मचारियों के लिए क्या सुविधा दी गई है?

👉 अब ऐसे कर्मचारी स्वयं आवेदन न कर सकें तो उनके परिवार के सदस्य भी अवकाश आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे।

8. इन नए नियमों से राज्य सरकार के बजट पर क्या असर पड़ेगा?

👉 नए नियमों से राज्य के कोष पर कोई बड़ा अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि यह अधिकतर नीतिगत और प्रबंधकीय सुधार हैं।

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