School Safety First: मध्य प्रदेश में बच्चों की सुरक्षा के लिए नए सरकारी दिशा-निर्देश!
क्या आपके बच्चे का स्कूल सुरक्षित है? हाल ही में स्कूलों में हुई कुछ दुखद घटनाओं के बाद, यह सवाल हर माता-पिता के मन में है। इसी चिंता को दूर करने के लिए, मध्य प्रदेश के लोक शिक्षण संचालनालय (Directorate of Public Instruction) ने स्कूल सुरक्षा (School Safety) और संरक्षा को लेकर नए, कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
स्कूल सुरक्षा और संरक्षा के लिए मध्यप्रदेश सरकार का नया आदेश: 5 जरूरी गाइडलाइन्स!
आदेश का डिस्क्रिप्शन (Description):
जारी करने वाली संस्था: लोक शिक्षण संचालनालय, मध्यप्रदेश
आदेश क्रमांक : क्र/अकादमिक/सी/2025/1366 , भोपाल
आदेश दिनांक: 04.08.2025
आदेश का विषय: स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा निर्देश (2021) जारी करने संबंधी।
सभी शासकीय/अशासकीय विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश लागू करना और तत्काल प्रभाव से 5 विशेष उपायों पर अमल करना।
यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि स्कूलों में बुनियादी ढांचे की कमी या सुरक्षा में चूक के कारण कोई भी बच्चा घायल न हो या अपनी जान न गंवाए। सरकार ने "स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशानिर्देश (2021)" और "स्कूल सुरक्षा पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन दिशानिर्देश (2016)" के आधार पर सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों के लिए 5 प्रमुख उपायों को तत्काल लागू करने का निर्देश दिया है।
>>> "स्कूल सुरक्षा और संरक्षा पर दिशा-निर्देश (2021)" परिपत्र (PDF)
आइए जानते हैं क्या हैं ये 5 महत्वपूर्ण Safety Guidelines:
1. स्कूलों का Safety Audit होगा अनिवार्य
अब हर सरकारी और प्राइवेट स्कूल का एक व्यापक सेफ्टी ऑडिट (Safety Audit) किया जाएगा। यह सिर्फ एक रूटीन चेकअप नहीं होगा, बल्कि इसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं की बारीकी से जांच की जाएगी:
- भवन की मजबूती: स्कूल की बिल्डिंग कितनी मजबूत और सुरक्षित है।
- अग्नि सुरक्षा (Fire Safety): आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए क्या इंतजाम हैं।
- आपातकालीन निकास (Emergency Exits): इमरजेंसी में बाहर निकलने के रास्ते साफ और खुले हैं या नहीं।
- विद्युत तार (Electrical Wiring): स्कूल में बिजली की वायरिंग सुरक्षित है या नहीं, ताकि शॉर्ट-सर्किट का खतरा न हो।
2. जागरूकता और आपातकालीन प्रशिक्षण (Awareness and Training)
सिर्फ बिल्डिंग को सुरक्षित बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि बच्चों और स्कूल स्टाफ को किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार करना भी उतना ही ज़रूरी है। इसके लिए नियमित रूप से मॉक ड्रिल (Mock Drills) और ट्रेनिंग आयोजित की जाएंगी, जिनमें शामिल हैं:
- निकासी अभ्यास (Evacuation Drills): किसी भी खतरे की स्थिति में स्कूल को तेजी से और सुरक्षित रूप से कैसे खाली किया जाए।
- प्राथमिक उपचार (First Aid): छोटी-मोटी चोट लगने पर तत्काल मदद के लिए फर्स्ट एड की ट्रेनिंग।
- सुरक्षा प्रोटोकॉल: स्थानीय पुलिस, अग्निशमन सेवाओं (Fire Services) और चिकित्सा एजेंसियों के सहयोग से सुरक्षा प्रोटोकॉल का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
3. बच्चों का मानसिक और भावनात्मक कल्याण (Psychosocial Well-being)
बच्चों की सुरक्षा का मतलब सिर्फ उनकी शारीरिक सुरक्षा नहीं है, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी है। स्कूल का माहौल ऐसा होना चाहिए जहाँ बच्चे बिना किसी डर के पढ़ सकें। इसके लिए इन बातों पर जोर दिया गया है:
- परामर्श (Counseling): बच्चों के लिए काउंसलिंग की सुविधा।
- दोस्तों का सहयोग (Peer Support): एक-दूसरे की मदद करने की भावना को बढ़ावा देना।
- समाज की भागीदारी: बच्चों के बेहतर विकास के लिए समाज और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करना।
4. तुरंत रिपोर्टिंग और जवाबदेही (Quick Reporting and Accountability)
अगर स्कूल में कोई भी ऐसी घटना होती है जिससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो, तो उसकी सूचना 24 घंटे के भीतर प्रदेश के प्राधिकरण को देना अनिवार्य होगा। सूचना देने में देरी करने या लापरवाही बरतने वाले संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही (Accountability) तय की जाएगी।
5. सार्वजनिक दायित्व (Public Accountability): आपकी और हमारी ज़िम्मेदारी
यह सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक है। सरकार ने माता-पिता, अभिभावकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी इस मुहिम में शामिल किया है। यदि आपको स्कूल, बच्चों द्वारा उपयोग किए जाने वाले परिवहन (जैसे स्कूल बस) या किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई भी असुरक्षित स्थिति (Unsafe Condition) दिखती है, तो आपको उसे रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
>>> Guidelines on School Safety and Security DPI Order Date 04/08/2025 in PDF
बच्चों की सुरक्षा केवल स्कूल प्रबंधन की नहीं, बल्कि हम सब की सामूहिक ज़िम्मेदारी है। सरकार द्वारा जारी ये नए दिशा-निर्देश एक सुरक्षित और पॉजिटिव लर्निंग एनवायरनमेंट (Positive Learning Environment) बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। आइए, हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चे एक सुरक्षित माहौल में पढ़ें और आगे बढ़ें।
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🔗 ब्लॉग स्रोत: MP Education Gyan Deep
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